The Kranti

The Revolution

मूक क्रांति का नायक बी.पी.मंडल का जीवन और समाज में योगदान

B P Mandal

  स्कूल में जातिगत भेदभाव का सवाल 

बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की औपचारिक शिक्षा उनके गाँव मुरहो में  ही विधालय में  प्रारंभ हुई जो अब कमलेश्वरी मध्य विधालय के नाम से जाना जाता हैं| कुछ वर्षो के लिए वे सीरीज इंस्टिट्यूट ,मधेपुरा में  निम्नाकित हुए सीरीज इंस्टिट्यूट अब शिवनन्दन प्रसाद मंडल उच्च विधालय के नाम से प्रसिद्ध है| माध्यमिक स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें राज हाई स्कूल दरभंगा भेजा गया एक जमींदार परिवार के नजाकत भरे परिवेश में पले -बढ़े  बालक बिंदेश्वरी को जब इस हाईस्कूल में जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ा तो उनके स्वाभिमान की तपिश से विधालय परिसर में कोलाहल मच गया था| दरअसल हुआ यह था की इस  हाईस्कूल के वर्ग -व्यवस्थापन में वर्णवादी दृष्टिकोण हावी था विधालय में नामांकित छात्रों में सवर्ण समाज के बच्चे ज्यादा थे सवर्ण बच्चें के बैठने के बाद ही पीछे की शेष बची बेंचें पर वंचित समाज के बच्चों को बैठने की जगह मिलती थी कभी कभी तो वंचित समाज के बच्चों को फर्श पर बैठने के मजबूर किया जाता था| 

छात्रावास में भी वंचित समाज के बच्चे के साथ भेदभाव के  शिकार होते थे वहां सवर्ण समाज के बच्चों को भोजन खिलने के बाद ही तथाकथित शूद्र जाती के छात्रों को भोजन देने का नियम था  सब कुछ सहजता से चल रहा था किसी को इस व्यवस्था में कोई बुराई नजर नहीं आ रही थी परंतु एक बालक ऐसा भी था जिसे यह सब नागवार गुजरा रहा था बालक बिंदेश्वरी ने जात -पात पर आधारित विभेदकारी व्यवस्था से व्यवथित होकर आंदोलन छेड़ने का निर्णय किया हालाकिं वंचित समाज के बच्चे कमसंख्या में थे फिर भी उनकी बात सुनी गई तथा विधालय में भेदभाव वाली व्यवस्था का अंत हुआ समाजिक नये के सफर में यह घटना उनके लिए मिपत्थर साबित हुई तथा उसने उनके चिंतन की दिशा बदल दिशा दी | 

मूक क्रांति का नायक बी पी मंडल

31 दिसम्बर 1980 को आयोग की रिपोर्ट तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञान जैल सिंह को सौंपते बी पी मंडल 

युवावस्था में बने डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के सदस्य और मजिस्ट्रेट बी.पी. मंडल  सन 1936 में मैट्रिक पास कर पटना आ गए पटना प्रवाश के दौरान भी वे पिछड़े वर्गों के छेत्रों के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव का प्रतिकार करने में हमेशा साकांक्ष रहे पटना कॉलेज से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की उनके भतीजे प्रभाष मंडल कहते हैं 1940 ई.में बी.पी.मंडल के बड़े भाई कमलेश्वरी प्रसाद मंडल की मृत्यु हो गई जो बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके थे बी.पी मंडल पर परिवार की सामाजिक और राजनितिक विरासत सभालने की जिम्मेदारी आ गई तो वे मधेपुरा आ गए शीघ्र ही वे भागलपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के सदस्य चुन लिए गए थे सन 1945 में आनेनरी मजिस्ट्रेट (अवैतनिक ) के रूप में उनकी तैनाती मधेपुरा में हुई तो उनके समक्ष आने वाली जनता की समस्याओं को वे प्राथमिकता से हल करने में रूचि लेने लगे जनता से जुड़े हुए ऐसे ही एक मुद्दे पर उनका भागलपुर के कलेक्टर से विवाद हुआ तो उन्होंने सन 1951 में इस पद से इस्तीफा दे दिया| आगे की जानकारी अगले पार्ट में 

1980 के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञान जेल सिंह को बी पी मंडल रिपोर्ट सौपते हुए